Aloo Ki Kheti: आलू एक ऐसी सब्जी है जो अन्य किसी भी सब्जी के साथ अपनी जोड़ी बना लेती है। इससे कई तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं। अगर आप खेती या बागवानी का शौक रखते हैं तो आलू की खेती से भी मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। आइए जानते है कि आलू की खेती (Aloo Ki Kheti) कैसे करें।
आलू की किस्में, कब करें बुआई
आलू की कई तरह की किस्में होती हैं, इनमें कुफरी बादशाह, कुफरी सिंदूरी, कुफरी देवा, कुफरी पुखराज, कुफरी अरुण, कुफरी लालिमा, कुफरी बहार आदि शामिल हैं। कुफरी पुखराज, कुफरी अरुण, कुफरी लालिमा, कुफरी बहार की बुआई नवंबर के पहले सप्ताह में की जाती है जबकि अन्य किस्मों की बुआई इसी माह के अंत तक कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: घर में पालक उगाएं, खूब पैसा कमाएं, Palak ki Kheti
बुआई से पहले करें यह काम
बुआई करने से पहले आपको मिट्टी में तीन से चार बार गहरी जुताई करनी चाहिए। इससे मिट्टी भुरभरी बन जाएगी और खेती अच्छी होगी। आलू की खेती (Aloo Ki Kheti) क्यारी बनाकर की जाती है। क्यारी की हर पंक्ति में 15 से 30 सेमी की दूरी रखें। खेती के लिए एक एकड़ भूमि के हिसाब से 87 किलो डीएपी या 250 किलो सिंगल सुपर फास्फेट व 80 किलो एमओपी और 55 किलो यूरिया का मिश्रण डालना पर्याप्त रहेगा। इससे फसल अच्छी होगी और मुनाफा भी ज्यादा होगा।
सिंचाई कब और कैसे करें ?
किसी भी प्रकार की खेती में सिंचाई भी काफी महत्वपूर्ण होती है। आलू में पहली बार सिंचाई बुआई के 10 से 20 दिनों के बाद करनी चाहिए। दूसरी सिंचाई 40 से 50 दिनों के बाद जबकि तीसरी सिंचाई 70 से 90 दिनों के बाद करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: थैला भर-भर के पैसा देगा Money Plant, जानिए लगाने का सही तरीका
देखभाल भी है जरुरी (Aloo Ki Kheti)
आलू की खेती (Aloo Ki Kheti) के दौरान इसकी उचित देखभाल भी जरुरी है। बुआई के करीब 60 दिन के बाद हर पंक्ति को अच्छे से देखें कि आलू ठीक से उग रहा है या नहीं। जब आलू का कंद नजर आने लगे तो उस पर थोड़ी मिट्टी डाल दें जिससे कि आलू हरा नहीं होगा। आलू का जानवरों से बचाने के लिए भी चारों ओर तारबंदी का इंतजाम करें।