Gende Ki Kheti: घर में गेंदा लगाए, सरकार से 28000 रुपए पाएं

Digital Desk
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Gende Ki Kheti: गेंदे का पौधा लोग अपने घरों में लगाना काफी पसंद करते हैं। हालांकि सही जानकारी और देखभाल में अभाव के कारण पौधा फल-फूल नहीं पाता है। आज बागवानी एक्सपर्ट मनीषा सिंह और अंबिका शर्मा आपको गेंदे के फूल की खेती के वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।

गेंदे अथवा हजारे की खेती से जुड़ी जरूरी बातें (Gende Ki Kheti)

ऐसे तैयार करें खेती के लिए भूमि

गेंदे के फूल की खेती के लिए दोमट, मटियार दोमट और बलुआर दोमट भूमि की आवश्यकता होती है। इस तरह की भूमि से अच्छी तरह से जल की निकासी होती है। गेंदे की खेती के लिए इस तरह की भूमि तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले भूमि को समतल करना होगा।

इसके बाद हल से या कल्टीवेटर से जुताई करें और पाटा चलाकर भूमि को भुरभरी कर दें। ध्यान रखें कि ऐसा करते समय मिट्टी में कंकड़ और पत्थर न रहे। अब आप अपनी सुविधा के मुताबिक क्यारियां तैयार कर लें।

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कब लगाना चाहिए गेंदे का पौधा

गेंदे के पौधे की खेती अलग-अलग माह में की जाती है। जायद के लिए फरवरी-मार्च, खरीफ के लिए जून-जुलाई और रबी के लिए सितंबर-अक्टूबर का समय उचित है।

सबसे ज्यादा प्रचलित हैं गेंदे की दो किस्में

  1. अफ्रीकन गेंदा: अफ्रीकन गेंदा काफी लोकप्रिय है। अफ्रीकन गेंदे की विशेषता यह है कि इसके फूल गोलाकार और बहुगुणी पंखुड़ियों वाले होते है। जबकि इनका रंग पीला और नारंगी होता है। इसके पौधे एक मीटर तक ऊंचे होते है। हालांकि अफ्रीकन गेंदे में ही कुछ किस्में ऐसी भी पाई जाती है जिनकी ऊंचाई 20 सेमी तक भी होती है।
  2. फ्रांसीसी गेंदा: अफ्रीकन गेंदा के बाद नंबर आता है फ्रांसीसी गेंदे का। भारी मात्रा में फूल उगने के चलते फ्रांसीसी गेंदे का पौधा काफी वजनदार हो जाता है। इसकी ऊंचाई की बात करें तो फ्रांसीसी गेंदे की औसतन ऊंचाई 25 से 30 सेमी तक होती है।

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खाद और उर्वरक का रखें उचित ध्यान

घर में अगर आप गेंदे का पौधा लगा रहे हैं तो इसके लिए खाद की थोडी मात्रा ठीक रहेगी। परन्तु किसी भी फसल या पौधे की खेती के लिए खाद और उर्वरक की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भूमि को समतल करने के बाद उसमें 200 क्विंटल कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर की दर से मिश्रित कर दें। इसके बाद 120-160 किलो नाइट्रोजन बेस्ड खाद मिलाएं। फिर 60-80 किलो फास्फोरस और तत्पश्चात 60-80 किलोग्राम की मात्रा में पोटाश का प्रयोग प्रति हेक्टेयर की दर से करें।

30-40 दिन बाद फिर करें नाइट्रोजन का उपयोग

फसल लगाने के पहले मिट्टी में नाइट्रोजन युक्त फर्टिलाइजर या उर्वरक की उपयुक्त मात्रा का उपयोग करना चाहिए। इसी प्रकार पौधा रोपण के 30 से 40 दिनों के बाद एक बार फिर खाद दें। इससे फूल अच्छे और बड़े आते हैं।

गेंदे की खेती पर मिलेंगे 28 हजार रुपये

फूलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकारें भी अलग-अलग योजनाएं चला रही हैं। उदाहरण के लिए वर्तमान में बिहार सरकार गेंदे की खेती करने वाले किसानों को 28 हजार रुपये या 70 फीसदी तक अनुदान राशि की सहायता राशि दे रही है।

आप भी अपने राज्य में सरकार द्वारा दी चलाई जा रही योजनाओं की राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट्स पर देख सकते हैं।

 

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