भारत की नरेंद्र मोदी सरकार हर तरह से जोर लगा रही है कि भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाए। लेकिन इसमें Gold सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा है। ऐसा इसलिए कि भारतीयों की आदत सोना खरीदना है। ज्यादातर भारतीय सोने में ही निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं। सोना खरीदने के बाद लोग लोन भी ले सकते हैं। लेकिन यह आदत पीएम मोदी की राह में रोड़ा बन रही है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य का कहना है कि भारतीयों का सोने को लेकर मोह ही पीएम मोदी का सपना पूरे होने में सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा है।
भारतीयों ने Gold पर खर्च कर दिए 500 अरब डॉलर
आपको बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद यानि PM-EAC के अस्थायी सदस्य नीलेश शाह ने कहा है कि भारतीयों की सोना खरीदने की आदत नहीं होती तो देश 5,000 अरब डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) के सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP के लक्ष्य को ‘बहुत पहले’ ही प्राप्त कर लेता। शाह ने यह भी कहा कि पिछले 21 सालों में भारतीय लोगों ने अकेले सोने के आयात पर करीब 500 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं।
देश में ही खर्च हो Gold पर पैसा
शाह का कहना है कि हम 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद का पीएम मोदी का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन हम सिर्फ एक आदत से दूर रहकर बहुत पहले ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाते। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने सही वित्तीय निवेश नहीं करके देश की जीडीपी का एक-तिहाई हिस्सा गंवा दिया है।
21 सालों में Gold पर इतना पैसा खर्च किया
शाह ने आंकड़े बताते हुए कहा कि देश के लोगों ने पिछले 21 सालों में शुद्ध आधार पर सोने के आयात पर 375 अरब डॉलर खर्च किए हैं। यदि भारतीय नागरिक सोने में इन्वेस्ट करने की बजाए यही पैसा टाटा, अंबानी, बिरला, वाडिया और अडाणी जैसे उद्यमियों में लगाते तो देश की जीडीपी बहुत ज्यादा होती।
भारतीय इसलिए करते हैं Gold में निवेश
भारतीय पुरातन परम्परा में यही बात रही है कि आपके पास जितना Gold होता है आप उतना धनवान माने जाते हैं। वहीं, महिलाओं को सोने के गहने पहनना शुरू से ही पसंद है। इसके अलावा भविष्य में किसी तरह की अनहोनी होने पर सोने को काम में ले सकते हैं। सिर्फ सोना ही निवेश का ऐसा सामान है जिसे आप रातोंरात भुना सकते हैं।
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भारत के मंदिरों में रखा है 4000 टन Gold
आपको यह भी बता दें कि भारत के मंदिरों में भी सोने का विशाल भंडार रखा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत के मंदिरों में 4,000 टन से भी ज्यादा सोना रखा है। जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस, चीन और जापान जैसे देशों के पास भी इतना सोना भंडार नहीं।