Diwali Ke Upay: सभी ग्रहों में सूर्य को ग्रहाधिपति माना गया है। एकमात्र सूर्य को अनुकूल बना लेने से सभी ग्रह अनुकूल बन जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं। सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं जिनमें आदित्य हृदय स्तोत्र का उपाय सर्वाधिक विशेष माना गया है। यदि इस उपाय को दीवाली, होली या ग्रहण जैसे समय पर किया जाए तो निश्चित रूप से भाग्य बदल जाता है।
क्या है आदित्य हृदय स्तोत्र का उपाय
सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत्त होकर ब्रह्म मूहूर्त में सूर्य देव की आराधना करें। उन्हें जल, पुष्प तथा सूर्य मंत्र से अर्ध्य दें। इसके बाद आपकी जो भी समस्या हों, उसके निवारण हेतु प्रार्थना करते हुए आदित्य हृदय स्तोत्र का 1100 बार (या कम से कम 108 बार) पाठ करने का संकल्प लें।
यह भी पढ़ें: Diwali: छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और देव दिवाली में क्या फर्क है, यहां पढ़ें
अब उसी आसन पर बैठकर गणपति की आऱाधना करें। अपने इष्टदेव तथा गुरु को मन ही मन प्रणाम कर उनसे इस साधना की पूर्णता हेतु आशीर्वाद लें। और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इस पाठ में समय लग सकता है परन्तु यह तुरंत असर दिखाता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से होंगे ये फायदे (Diwali Ke Upay)
यदि सरकारी नौकरी की इच्छा हो अथवा करोड़पति बनना चाहते हैं या किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या हो, रोग आदि हो, तो उन सभी समस्याओं का समाधान इस एक उपाय से हो जाएगा। इस उपाय से आपकी जो भी समस्या हो, जैसी भी हो, उसमें तुरंत ही लाभ होता है।
यह भी पढ़ें: चमत्कारी है मां लक्ष्मी का यह मंदिर, Diwali पर लगती है भीड़
दीवाली पर दोपहर से पहले ही करें ये साधना
वैसे तो दीवाली पर की जाने वाली सभी साधनाओं के लिए रात्रिकाल सर्वश्रेष्ठ माना गया है परन्तु आदित्य हृदय स्तोत्र की साधना के लिए दोपहर तक का समय उत्तम माना गया है। इसके बाद इस प्रयोग को नहीं करना चाहिए।