Zolgensma दुनिया की सबसे महंगी दवा है जिसकी सिर्फ एक डोज ही 17 करोड़ रूपयों की आती है। यह एक वन-टाइम जीन थेरेपी है जो यूज स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) बीमारी से बच्चों के इलाज में होता है। आपको बता दें कि भारत में इस दवाई का बिजनेस अप्रूव्ड नहीं है, परंतु डॉक्टर की सलाह और सरकार की मंजूरी से इसें आयात किया जा सकता है।जोलजेंस्मा दुनिया की सबसे महंगी दवाई भी है।
यह भी पढ़ें: CarynAI Virtual Dating: डेटिंग भी कमाई भी, 23 साल की लड़की ने AI से कमा लिए करोड़ों रुपये
स्विस कंपनी ने बनाई Zolgensma
आपको बता दें कि Zolgensma दवाई को स्विस कंपनी नोवार्तिस ने बनाया है। यह दुर्लभ जेनेटिक बीमारी SMA के इलाज में काम आती है। SMA एक घातक, न्यूरोमस्कुलर और प्रोग्रेसिव आनुवंशिक डिजीज है। खासतौर से यह ब्रेन की नर्व सेल्स और रीढ़ की हड्डी के लिए घातक होती है। खबर है कि अमेरिका में इस बीमारी से 10,000 से 25,000 बच्चे और वयस्क जूझ रहे हैं। कहा जाता है कि बहुत कम मरीज यह दवाई खरीद पाते हैं, क्योंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।दुनिया में SMA के इलाज के लिए केवल 3 दवाईयों को मंजूरी मिली है। इनको बायोजेन, नोवार्तिस और रॉश कंपनियां बनाती है।
यह भी पढ़ें: Instagram Account से घर बैठे कमाएं पैसे, ये है आसान तरीका
Zolgensma की इसलिए है ज्यादा कीमत
भारत की बात करें तो Zolgensma की कीमत करीब 17 करोड़ रुपये है। इस दवाई का मार्केट बहुत छोटा है और यह दवा बहुत इफेक्टिव है। इसी वजह से इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। इतनी ज्यादा कीमत के बावजूद एक्सपर्ट्स के अनुसार इससे एसएमए के इलाज और केयर में आने वाले खर्च को काफी हद तक ऑफसेट कर सकते हैं। नोवार्तिस की वेबसाइट के अनुसार इस दवाई को 45 देशों में मंजूरी चुकी है। इस दवाई से दुनियाभर में अब तक 2,500 मरीजों का इलाज हो चुका है।