Tamatar Ki Kheti: टमाटर सिर्फ हमारे खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता है बल्कि इसे कई अलग-अलग तरीकों से भी यूज किया जाता है। कुछ लोग इसे सलाद के रूप में खाते हैं, कुछ इसे विटामिन सी बढ़ाने के लिए खाते हैं तो कुछ इसका प्रयोग स्किन की ग्लो बढ़ाने के लिए यूज करते हैं।
टमाटर हमारी हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद है और इसकी सही तरह से इसकी खेती की जाए तो इससे जेब भी सेहतमंद रहेगी। आइए जानते है टमाटर की खेती कैसे की जाती है।
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टमाटर की खेती के लिए समय
आजकल टमाटर की खेती बारहों महीने की जाती है। पारंपरिक तौर पर भारत में इसकी खेती नवंबर-दिसंबर से लेकर जून-जुलाई तक और जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च के बीच दो बार होती है। दक्षिण भारत से ज्यादा उत्तर भारत में इसकी खेती की जाती है।
Tamatar Ki Kheti के लिए मिट्टी
टमाटर की फसल वैसे तो किसी भी तरह की मिट्टी में उपजाई जा सकती है लेकिन इसके लिए रेतीली दोमट, चिकनी मिट्टी, काली और लाल मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है। आजकल लोग अपने घरों पर गमलों और क्यारियों में भी टमाटर उगाने लग गए हैं।
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कैसे होगी शुरुआत
टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए सबसे पहले इसकी नर्सरी लगाई जाती है। बीजों से नर्सरी तैयार होने में करीब एक माह तक का समय लगता है। इसके बाद पौधों को खेतों में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लगाया जाता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार टमाटर की खेती के दौरान तापमान 21 से 23 डिग्री रहेगा तो बेहतर ज्यादा उपज मिलती है।
एक हेक्टेयर में कितने बीज की जरुरत, कब करें सिंचाई
एक हेक्टेयर भूमि में टमाटर की खेती करने के लिए लगभग 500 ग्राम बीज लगते है। टमाटर के पौधों को खेतों में लगाने के बाद इसकी सिंचाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जब गर्मी का मौसम हो तो मिट्टी की नमी को देखते हुए 10 से 15 दिन में सिंचाई करें. वहीं सर्दियों के मौसम में सप्ताह में एक बार सिंचाई कर सकते हैं.
कितनी होगी कमाई
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक हेक्टेयर भूमि में करीब 800 से 1200 क्विंटल तक टमाटर की पैदावार हो सकती है। इससे किसान आसानी से 12 से 15 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। यदि अधिक भूमि पर इसकी खेती की जाए तो मुनाफे में भी वृद्धि हो जाएगी।