Income Tax Rule: फेस्टिव सीजन तथा अन्य शुभ अवसरों पर उपहारों का आदान-प्रदान करना एक सामान्य बात है। हालांकि यह बहुत कम लोग जानते हैं कि इस तरह उपहारों का लेन-देन करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। जी हां, सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी तरह का गिफ्ट, बोनस लेना या देना भी इनकम टैक्स एक्ट के दायरे में आता है।
क्या है गिफ्ट लेने-देने के नियम
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार कोई भी गिफ्ट लेने पर आप इनकम टैक्स के दायरे में आ जाते हैं। इसके लिए एक लिमिट भी तय की गई है। उस लिमिट से ऊपर की राशि का गिफ्ट लेने पर आपको टैक्स देना पड़ेगा। हालांकि परिवार में या करीबी रिश्तेदारों यथा माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या संतान से मिला गिफ्ट इस सीमा से बाहर आता है।
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इन गिफ्ट्स पर नहीं लगता टैक्स (Income Tax Rule in Hindi)
अगर वसीयत में कोई गिफ्ट मिला है या विवाह में वर-वधू को गिफ्ट मिला है तो वह पूरी तरह से इनकम टैक्स के दायरे से बाहर माना गया है।
इसी तरह यदि दोस्तों या दूर के रिश्तेदारों से उपहार लेते हैं और उसकी सीमा सालाना 50 हजार रुपए से अधिक हो जाती है तो उस पर भी इनकम टैक्स की धारा 56(2) के तहत टैक्स देना पड़ेगा। अर्थात् 50 हजार से कम राशि वाले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं देना होगा लेकिन इससे एक रुपया ऊपर होते ही उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
यदि कंपनी से या किसी संस्था से आपने 5000 रुपए से अधिक की राशि का कोई गिफ्ट लिया है तो वह भी इनकम टैक्स के दायरे में आएगा। दीवाली पर मिलने वाला बोनस, या किसी अन्य तरह के बोनस पर भी टैक्स देना होता है।