Duplicate Product : आज के समय में लोग असली से अधिक नकली पर भरोस करते है और उसे तवज्जो भी देते है. ऐसा ही कुछ युवा पीढ़ी भी कर रही है. जेन जी यानी कि 13 से 27 साल की उम्र के लोग असली प्रोडक्ट से अधिक ‘डुप्स’ यानी कि नकली प्रोडक्ट पर विश्वास जता रहे हैं और इनका खूब इस्तेमाल भी कर रहे हैं.
पता है फिर भी जान बूझकर हो रहा खेल
इन युवाओं को अच्छे से पता है कि वे जो प्रोडक्ट खरीद रहे है या इस्तेमाल कर रहे है वो असली नहीं है. इसके बावजूद नकली को प्राथमिकता दी जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि असली के मुकाबले यह Duplicate Product कम कीमत में मिलते हैं.
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क्या कहती है रिपोर्ट (Duplicate Product)
कोलेड्स की एक रिपोर्ट कहती है कि ‘डुप्स’ (Duplicate Product) खरीद और इस्तेमाल कर रही युवा पीढ़ी सामाजिक जिम्मेदारियों और पर्यावरण को प्राथमिकता देने की इच्छा के बिलकुल विपरीत है. लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसमें सामाजिक मूल्यों की झलक भी नजर आती है.
तो चौपट हो जाएगा बड़ी-बड़ी कंपनियों का धंधा
युवा पीढ़ी नकली पर्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स सहित अन्य कई चीजों पर खूब खर्च कर रही है. असली प्रोडक्ट महंगे होने के चलते जेन जी यह कदम उठाती हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों को इस चीज पर ध्यान रखना चाहिए नहीं तो जेन जी का ‘डुप्स’ की ओर बढ़ता रुझान उनकी बर्बादी का कारण बन सकता है.
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मनमानी करने वाली कंपनियों के बहिष्कार की शुरुआत
सवाल यह भी उठने लगे हैं कि क्या युवा पीढ़ी ऐसी कंपनियों को आईना दिखा रही हैं जो मनमानी करती हैं और ऐसे प्रोडक्ट देने के लालच में ग्राहकों से मनमानी या मोटी रकम वसूलती हैं. लेकिन मनमानी करने वाली कंपनियों को जेन जी से बचना होगा. क्या यह इस तरह की कंपनियों के पतन या बहिष्कार की शुरुआत के संकेत तो नहीं.