Pyaj Ki Kheti: प्याज स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है। प्याज को सब्जी, सलाद और औषधि के रूप में काम लिया जाता है। यह एक ऐसी सब्जी है जो लगभग हर मौसम में मिल सकती है। बहुत से लोग तो बिना प्याज खाना ही नहीं खा पाते हैं।
इन्हीं सब कारणों से प्याज की डिमांड हमेशा बनी रहती है। प्याज की खेती देशभर में की जाती है और इसके जरिए आप मालामाल भी हो सकते हैं। जरूरत है तो सही तरह से खेती करने की। आइए जानते है कि प्याज की खेती (Pyaj Ki Kheti) कैसे की जाती है।
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Pyaj Ki Kheti के लिए मिट्टी
प्याज की खेती के लिए आपको पीली या दोमट मिट्टी चाहिए होती है। इस तरह की मिट्टी में जलनिकासी की उचित व्यवस्था होती है। खेती के लिए पहले मिट्टी की तीन से चार बार जुताई कर लें, फिर खेत के छोटे-छोटे हिस्से कर दें। यहां यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि जहां पर प्याज की खेती करनी है वहां तापमान 30 से 35 सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए।
ये हैं प्याज की प्रचलित किस्में
प्याज की यूं तो कई तरह की किस्में होती हैं, इनमें प्रमुख रूप से PRO 6, पंजाब नरोया, भीमा सुपर और भीमा श्वेता आदि शामिल हैं। प्याज की रोपाई पंक्तियों में की जाती है। दो पौधों के बीच में करीब 15 सेंटीमीटर की दूरी रखी जाती है।
Pyaj Ki Kheti के लिए बीज और खाद
एक एकड़ भूमि में रोपाई के लिए 4 से 5 किलो बीज पर्याप्त होते हैं। खाद देते समय ध्यान रखें कि रोपाई से आठ से दस दिन पहले पोटाश यूरिया और फास्फोरस की 20-20 किलो मात्रा मिला कर खेतों में छिड़काव करनी चाहिए।
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सिंचाई का समय
सिंचाई के लिए सही समय और जलवायु का भी ध्यान रखना चाहिए। रोपाई के बाद आप पहली सिंचाई कुछ दिनों में कर सकते है, लेकिन यह हल्की सिंचाई होनी चाहिए जिससे कि फसल को नुकसान न हो। इसके बाद 10 से 15 दिनों में सिंचाई आवश्यकता के अनुसार कर सकते हैं।
खेत से कब निकालें प्याज
अब बारी आती है प्याज को खेत से निकालने की, जब प्याज का पौधा बिल्कुल नमी रहित हो जाए तब इसे निकाल लेना चाहिए। नमी रहने पर इसे निकालना उचित नहीं होगा, ऐसा करने पर फसल जल्दी खराब हो सकती है। फसल निकालने के बाद उसे सही तरह से स्टोर भी करना होता है। अब इसे आप अपनी सुविधानुसार और मार्केट में रेट के अनुसार बाहर निकाल सकते हैं।