केंद्र सरकार की Sovereign Gold Bond स्कीम ऐसी निवेशकों के लिए जबरदस्त साबित हुई है। यह स्कीम कम समय में ही निवेशकों का पैसा डबल कर रही है। इस सरकारी स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 26 नवंबर 2015 को बेचे गए थे। इसके अब इस स्कीम में पैसा लगाने वालों का पैसा दोगुना हो गया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली सीरीज 30 नवंबर को परिपक्व हो रही है।
सरकारी प्रतिभूति है Sovereign Gold Bond
आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी प्रतिभूति है। इसको सोने के ग्राम में दिखाया जाता है। इसको केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है जो कि बांड के रूप में ग्राम में अंकित सोने का मूल्य रखते हैं। इस बॉण्ड को RBI सरकार की तरफ से जारी करती है। इस वजह से इस पर सरकार की गारंटी होती है और इसी को लेकर निवेशक इस पर विश्वास करते हैं। इस बॉन्ड में निवेश करने पर वार्षिक तौर पर 2.5 फीसदी ब्याज दिया जाता है। यह पैसा हर 6 महीने पर निवेशकों के बैंक अकाउंट में डाल दिया जाता है।
Sovereign Gold Bond पर मिलता है रिडेम्पशन
यह भी सामने आया है कि कुछ उत्साहित निवेशकों ने मैच्योरिटी से पहले ही इसका रिडेम्प्शन भी किया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 20 नवंबर 2023 तक कुल 1552953 यूनिट यानी 1.55 टन सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन किया जा चुका है। पैसा लगाने वालों ने अभी तक कुल 6 प्रतिशत यूनिट मैच्योरिटी से पहले बेच दिए हैं। इस बॉन्ड के लिए इससे पहले कुल 913571 यूनिट की खरीद की जा चुकी थी।
मैच्योरिटी के बाद भी लगा सकते हैं Sovereign Gold Bond में पैसा
इसमें सबसे खास बात ये है कि सॉवेरन गोल्ड बॉण्ड की मैच्योरिटी के बाद भी निवेशकों के पास इसमें पैसा लगाने का मौका रहेगा। यह योजना उन निवेशकों के लिए जबरदस्त विकल्प है जो सुरक्षित निवेश करना पसंद करते हैं। फिक्सड डिपोजिट की तुलना में इस स्कीम में पैसा कई गुना बढ़ा है। एफडी में निवेशकों का पैसा 7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ता है जो लगभग 10 साल में दोगुना होगा। परंतु सॉवेरन गोल्ड बॉण्ड स्कीम ने FD से बेहतर रिटर्न दिया है। आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली सीरीज 30 नवंबर, 2023 को मैच्योर हो रही है। ऐसे में अगली सीरीज में निवेश का मौका रहेगा और जल्द ही इसकी अगली वाली सीरीज आने वाली है।
Sovereign Gold Bond स्कीम की पहली किस्त हो रही मैच्योर, निवेशकों की हुई मौज
8 साल में मैच्योर होता है Sovereign Gold Bond
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 8 साल में मैच्योर होता है। इसमें सबसे खास बात ये है कि निवेशक मैच्योरिटी से पहले अपना पैसा निकाल सकते हैं। RBI के आंकड़ों के अनुसार 20 नवंबर 2023 तक कुल 1552953 यूनिट यानी 1.55 टन सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन किया गया है।
समय से पहले निकाल सकते हैं Sovereign Gold Bond में लगा पैसा
आपको बता दें कि सॉवेरन गोल्ड बॉण्ड की सबसे खास बात ये है कि निवेशक इसमें लगाया गया पैसा समय से पहले भी निकाल सकते हैं। निवेशक इस स्कीम में लगा पैसा 5 साल के लॉक इन पीयरेड के बाद ही निकाल सकते हैं। ऐसे में इस स्कीम के तहत निवेशकों को इस बॉण्ड में कम से कम 5 साल तक अपना निवेश बनाए रखना होगा।