उत्तरप्रदेश के सिकंदराबाद में एक अनोखा मंदिर है।
इस मंदिर में कुत्ते की एक विशेष कब्र और मूर्ति है।
मंदिर में कुत्ते की पूजा एक देवता तौर पर होती है।
हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां मत्था टेकने आते है।
दीवाली, होली, नवरात्रि पर यहां नजारा आकर्षक होता है।
इस मंदिर के पीछे एक दिलचस्प रहस्य्मयी कहानी है।
बाबा लटूरिया की सौ साल पहले कुत्ते से गहरी दोस्ती थी।
बाबा की मृत्यु पर कुत्ता भी उनकी कब्र में ही कूद गया था।
कुत्ते को बाहर निकाला गया तो वह बाद में मर गया।
कुत्ते की मूर्ति तभी से मंदिर में आस्था का केंद्र बनी हुई है।