कुछ समय पहले 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' शब्द बहुत ज्यादा चलन  में था।

इस शब्द का भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मजाक भी बनाया था।

इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं भी चल रही थी कि यह आखिर क्या बला है?

'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' का सबसे पहला उल्लेख 1978 में किया गया था।

अर्थशास्त्री प्रोफेसर राज कृष्णा ने देश की इकोनोमी के लिए इसे प्रयोग किया था।

वास्तव में इस शब्द को हिंदू धर्म या धर्मावलंबियों से कोई लेना-देना नहीं था।

इसे देश की खराब इकोनोमी को दर्शाने के लिए प्रयोग किया गया था।

सुधांशु त्रिवेदी ने 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' की जगह नया शब्द 'हिंदूत्व ग्रोथ रेट' दिया।

उनके अनुसार सत्तासीन लोग हिंदुत्व में विश्वास करते हैं, इसलिए यह सही शब्द है।

'हिंदूत्व ग्रोथ रेट' वर्तमान में देश की तरक्की और उन्नति को अच्छे से दर्शाता है।