UP में RO-ARO Exam: का निरस्त होना युवाओं को ही नहीं सरकार के लिए भी भारी साबित हो रहा है। सरकारी अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी बनने का सपना देख रहे यूपी के युवाओं का सपना पेपर कैन्सिल होने से टूट गया था। वहीं नकल रोकने के चक्कर में सरकार को भी करोड़ों की चपत लगी है। ये परीक्षा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के लिए 2023 के अन्तर्गत थी।
सरकार पर भी भारी रही परीक्षा
सरकार की ओर से परीक्षा को आयोजित करने में करीब 41 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। यूपी में UPPSC RO-ARO Exam 411 पदों पर आरओ के कुल 334 और एआरओ के 77 पदों पर आवेदन मांगे गए थे। जिसके लिए 58 जिलों में 2387 परीक्षा केंद्र बने। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से इस परीक्षा के लिए 41 करोड़ रुपये खर्च किए गए। जो पेपर लीक के कारण निरस्त की गई।
फिर से लगेगी सरकार को चपत
इस परीक्षा के फिर से आयोजन के लिए सरकार की ओर से वही तैयारियां करनी होंगी। UPPSC RO-ARO Exam करीब 2387 केंद्रों पर ये परीक्षा फिर से होगी। जो सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए होगी। पेपर सेट करने से लेकर मॉडरेडन, प्रिंटिंग, जिलों तक पहुंचाने, अधिकारियों से लेकर केंद्र व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षकों तक पर लंबी-चौड़ी कम खर्च करनी होती है।
क्या करनी होंगी तैयारियां
UPPSC RO-ARO Exam 28 नवंबर 2021 को आयोजित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) का पेपर लीक होने के कारण आयोजन पर खर्च हुए 50 करोड़ बर्बाद हो गए थे। पेपर की प्रिंटिंग, सेटिंग, मॉडरेडन, सेंटर पर पहुंचाने, केंद्रों की व्यवस्था और कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति में बड़ा खर्च हुआ था।