समाजसेवा का सच श्री शंकर सेवा धाम बनाम “नरक धाम”
Shri Shankar Seva Dham Jaipur: कहने भर को समाजसेवा और दुनिया के सामने बुजुर्गों को प्यार भरा घर। सेवा का धाम श्री शंकर सेवा धाम। लेकिन सेवा का धाम नहीं यह है नरक धाम। जहां कहीं घरों से छोड़े और सताए गए बुजुर्ग रहते हैं तो कही मानसिक रूप से अस्वस्थ्य युवा और युवतियां और महिलाएं। जो वृद्धाश्रम में सुकून और आसरे की तलाश में पहुंचते हैं या पहुंचा दिए जाते हैं। लेकिन यहां भी इन्हें सेवा के नाम पर दुखों और परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि आसरे के नाम पर यहां नरक के दर्शन हो जाते हैं। बदबू और गंदगी का आलम यह है कि यहां बिस्तर पर इन बुजुर्गों के साथ कीड़े भी आराम से रहते हैं। यही नहीं सेवा की भावना रखे सैंकड़ो दान दाता यहां दान देते हैं। जिससे यहां मोटी आय भी होती है। लेकिन सेवा धाम के अंदर की हकीकत तो कुछ और ही है। जो दरवाजों और इन बुजुर्गों की बेबसी के आगे छुपी रह जाती है। मॉर्निंग न्यूज इंडिया ने यहां Shri Shankar Seva Dham Jaipur जाकर यहां रहने वाले बुर्जुगों से बात की तो हकीकत कुछ और ही सामने आई। वहीं सच्चाई खुलते देख हमारा कैमरा बंद करवा दिया गया।
कब हुई थी स्थापना
Shri Shankar Seva Dham Jaipur 13 जून 2010 में यह संस्था शुरू हुई थी। श्री शंकर सेवा धाम के नाम से बनी इस संस्था की नींव 2009 में पड़ी। जो एक साल में जाकर तैयार हुई। इसकी के दो रूप हैं। एक जो बाहर से आने वालों को दिखाई जाती है और एक जो यहां बंद कमरों में है। इस सस्था की स्थापना व्यवसायी प्रहलाद गुप्ता ने अपने पिता स्व बाबू लाल गुप्ता की याद में करवाई है।
350 से ज्यादा है रहने वालों की संख्या
इस Shri Shankar Seva Dham Jaipur में सिर्फ वृद्ध ही नहीं महिलाएं और मानसिक रूप से अस्वस्थ्य युवक—युवतियां भी रहते हैं। जिनकी कुल संख्या करीब 350 से भी ज्यादा है। ये लोग या तो परिवारों के हाथ ही यहां छोड़े गए हैं या किसी और माध्यम से यहां आए हैं। जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में परेशानियों और अभावों में भी ये कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।
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प्यार भरा आसरा नदारद
Shri Shankar Seva Dham Jaipur में रहने वाले असहाय बुजुर्ग गंदगी और बदबू में रहने को मजबूर हैं। कोई ज्यादा उम्र के कारण चलने फिरने में असमर्थ है तो कोई किसी बीमारी के कारण। ऐसे में इनकी सेवा का दावा करने वाले इन्हे इनके हाल पर ही छोड़ देते हैं। ऐसे में बुजुर्ग अपने सोने के बिस्तरों पर कॉकरोज और गंदगी के साथ ही रहने को मजबूर हैं। वहीं कई केयर टेकर होने के बाद भी इन्हें कपड़े पहनाने वाला भी कोई नहीं है।
चार बार सफाई का दावा
यहां Shri Shankar Seva Dham Jaipur में काम करने वाले केयर टेकर मनोज कुमार महावर से बात करने पर यहां तीन से चार बार सफाई की बात कही गई। वहीं जब इन बुजुर्गों के बिस्तरों पर भागते कीड़े कॉकरोज दिखाए गए तो उन्हें नाली से आया हुआ बताया गया। वहीं जिस बुजुर्ग के बिस्तरों में यह कीड़े देखे गए वे चूरं से आए सांवरमल सोनी हैं। जिनके आधे शरीर में पैरेलेसिस है। यही नहीं खुद केयर टेकर ने माना कि इतने कीड़े एक दिन में नहीं आ सकते।
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सेवा धाम नहीं
इस संस्था की कमियां देखने के बाद जब हमने Shri Shankar Seva Dham Jaipur के संस्थापक प्रहलाद गुप्ता से बात की तो उन्होंका कहना था कि यहां रहने वालों का पूरा ध्यान रखा जाता है। कहीं कोई परेशानी नहीं है। वहीं कुछ लोगों के लिए सभी को गंदगी में नहीं रखा जा सकता। इसलिए उन्हें अलग कमरे में रखा जा रहा है। फिर भी कोई कमी है तो उसे दूर कर दिया जाएगा।