Dhaniye Ki Chutney : आज के समय में धनिए की चटनी का स्वाद हर किसी शख्स की जुबान पर चढ़ा हुआ है। विशेषकर सर्दियों के मौसम में तो धनिए की चटनी का ट्रेंड रहने के साथ ही इस्तेमाल और बढ़ जाता है। क्योंकि चाट पकौड़ी के साथ धनिए की चटनी खाने से स्वाद और चटपटा हो जाता है। इतना ही नहीं बल्कि शहर से लेकर गांवों तक सब्जी रोटी या दाल चावल तक के साथ धनिए की चटनी खाई जाती है।
खाने का स्वाद बढ़ा देती है धनिए की चटनी
हालांकि, समोसा के साथ खट्टी मिठी चटनी खाई जाती है लेकिन यदि धनिए की चटनी भी उसमें शामिल कर दें तो मजा दोगुना हो जाता है। वहीं, पुरी सब्जी के साथ भी Dhaniye Ki Chutney खाने को मिल जाए तो मजा कुछ और ही हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनिए की चटनी पहली बार कब बनाई गई थी और इसका इतिहास क्या है। यदि नहीं तो आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ जो धनिए की चटनी की तरह ही मजेदार है।
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2000 साल पुराना है धनिए की चटनी इतिहास
धनिए की चटनी के इतिहास की बात करें तो वो 2000 साल पुराना है जब भारतीय उपमहाद्वीप में सॉस से पेस्ट के रूप में पहली बार चटनी का यूज किया था। कहा जाता है कि शाहजहां के शासनकाल के दौरान सबसे पहली बार धनिए चटनी बनाई गई थी। एक किस्सा मशहूर है कि एकबार शाहजहां की तबीयत खराब हो गई थी जिस वजह से उन्होंने खाना पीना बंद कर दिया था। उनको किसी भी भोजन में स्वाद नहीं आता था। तब उनके हकीम ने उन्हें कुछ चटपटा बनाकर खिलाने के लिए कहा। उस समय दाल इस्तेमाल की गई थी जिसमें धनिए व पुदीना का भी बाद में यूज किया गया। ऐसा इसलिए कि उसें चाट कर खाया जा सके। इसी वजह से उसका नाम नाम चटनी रख दिया।
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दुनियाभर में मशहूर है Dhaniye Ki Chutney
वर्तमान समय में चटनी की कई सारी वैरायटीज मार्केट में मौजूद है जिनमें तीखी चटनी, मीठी चटनी, विशेष फ्लेवर से तैयार की गई आदि आदि। आज के समय में चटनी भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत पसंद की जाती है। जब भारत में अंग्रेजों का राज था तब भी कई बड़े अफसर खाना खाते समय चटनी का इस्तेमाल करते थे। धनिए की चटनी खाने की यह परंपरा आज भी चली आ रही है।