अयोध्या के राममंदिर में रामलला की प्रतिमा काली क्यों है

Digital Desk
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Ram Ki Murti Kali Kyu Hai: अयोध्या के नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही साक्षात राम वहां विराजमान हो चुके हैं। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में रामलला की जिस प्रतिमा को स्थापित किया गया है, वह काले रंग की है। ऐसे में बहुत से लोग पूछ रहे हैं कि राम की प्रतिमा काली क्यूं है। जानिए इसके पीछे का असली कारण

शास्त्रों में बताया गया है भगवान राम को सांवला

हिंदू धर्म के लगभग सभी प्राचीन ग्रंथों में भगवान विष्णु एवं उनके अवतारों को सांवला (Ram Ki Murti Kali Kyu Hai) बताया गया है। वाल्मिकी रामायण एवं तुलसीदासजी कृत रामचरितमानस में भी राम को श्यामवर्ण बताते हुए उनकी स्तुति की गई है। रामचरित मानस में लिखा भी गया है

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नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम सीतासमारोपित वामभागम्।
पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम्।

घने नीले बादल के समान श्याम रंग वाले प्रभु श्री राम, जिनके बाईं ओर कोमलांगी सीता जी विराजमान हैं, जिन प्रभु श्री राम के हाथों में शत्रुओं को जीतने वाला महा धनुष है, उन भगवान् श्री राम को नमस्कार करता हूं।

इसी एक कारण से भगवान राम एवं भगवान विष्णु के समस्त अवतारों की प्रतिमा काले रंग के पत्थर से बनाई जाती है। इसके अलावा भी एक कई अन्य कारण हैं जिनकी वजह से प्रतिमाएं काले रंग से बनाई जाती हैं।

दक्षिण भारत में प्रचलित है काले पत्थर की मूर्तियां (Ram Ki Murti Kali Kyu Hai)

काला पत्थर वास्तव में ग्रेनाइट पत्थरों के समान अत्यधिक कठोर होता है। इन पर सैंकड़ों वर्षों तक जल, आंधी, बारिश आदि मौसम का असर नहीं होता है। साथ ही इन प्रतिमाओं पर यदि दूध, जल आदि चढ़ाया जाएं तो भी उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है।

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ऐसे में यदि काले पत्थर से प्रतिमा बनाई जाए तो वे प्रतिमाएं (Ram Ki Murti Kali Kyu Hai) न केवल सैंकड़ों वर्षों वरन हजारों वर्षों तक ज्यों की त्यों बनी रहती हैं। इस वजह से भी काले पत्थर से प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है।

अयोध्या राम मंदिर में इस लिए चुनी गई रामलला की श्यामल मूर्ति

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के अनुसार मुख्य गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा के लिए तीन शिल्पकारों को चुना गया था। इनमें कर्नाटक के अरुण योगीराज सहित दो अन्य मूर्तिकार भी थे। तीनों ही मूर्तिकारों ने अपने-अपने ढंग से प्रतिमा का निर्माण कर ट्रस्ट को सौंपी।

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जब ट्रस्ट बोर्ड के समक्ष तीनों प्रतिमाएं रखी गई तो उनमें अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई काले रंग की प्रतिमा (Ram Ki Murti Kali Kyu Hai) को सर्वाधिक सुंदर, शास्त्रोक्त तथा उत्तम मान कर चुना गया। अन्य दो प्रतिमाओं में एक प्रतिमा भी काले पत्थर से ही बनी थी, जबकि एक मकराना के सफेद मार्बल से बनी थी। इस एक वजह से भी अयोध्या के राममंदिर में मुख्य प्रतिमा के रूप में भगवान राम की काले पत्थर से बनी मूर्ति स्थापित की गई है।

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