Second Marriage करने वालों को अब सरकार से मंजूरी लेनी होगी, क्योंकि सरकार दूसरी शादी के लिए नया कानून लेकर आई है। हालांकि, यह कानून असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने लिया है। यह कानून भी सरकारी कर्मचारियों के लिए लाया गया है। असम में अब यदि किसी सरकारी कर्मचारी की पत्नी जिंदा है और वो दूसरी शादी करना चाहता है, तो इसके लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी। यह फैसला सभी धर्मों के लोगों पर लागू है।
Second Marriage पर इसलिए लिया ये फैसला
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि कुछ धर्मों में दूसरी शादी करने की छूट है, लेकिन अब ऐसे धर्मों के सरकारी कर्मचारियों को भी दूसरी शादी के लिए सरकार से इजाजत लेनी होगी। अब सरकार ही यह तय करेगी कि कर्मचारी को दूसरी शादी की इजाजत देनी है या नहीं। इसके पीछे का तर्क ये दिया गया है कि पति के मौत होने के बाद दोनों पत्नियों में पेंशन को लेकर झगड़ा होता है और ऐसे मामलों को सुलझाने में बहुत समस्या आती है। अब यदि कोई सरकारी कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करता है उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करते हुए रिटायर भी किया जाएगा।
Second Marriage का नया कानून आम लोगों लागू है या नहीं
सरकार का ये आदेश फिलहाल राज्य सरकार के कर्मचारियों पर ही लागू किया गया है। आम लोगों को इस फैसले से दूर रखा गया है। हालांकि, असम की सरकार अब जल्द ही एक से ज्यादा शादियों पर रोक लगाने के लिए नया कानून लेकरआ रही है। सीएम सरमा ने हाल ही में कहा था कि बहुविवाह रोकने के लिए सरकार दिसंबर में कानून लेकर आएगी। इसके लिए असम सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट के अनुसार कानून लाया जाएगा।
Second Marriage पर ये कहते हैं पर्सनल लॉ
हिंदू धर्म में दूसरी शादी का कानून
1955 के हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार पति या पत्नी के जीवित रहते या बिना तलाक लिए दूसरी नहीं कर सकते यदि ऐसा करते हैं तो वो अपराध माना जाता है। इस कानून की धारा 17 के तहत ऐसा करने वाले को 7 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। यह प्रावधान आईपीसी की धारा 494 में है। आपको बता दें कि हिंदू मैरिज एक्ट हिंदुओं के साथ ही सिख, जैन और बौद्ध धर्म नागरिकों पर भी लागू है।
मुस्लिम धर्म में दूसरी शादी का कानून
भारत में मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है जिसके तहत मुस्लिम 4 शादी कर सकते हैं। हालांकि, यह इजाजत सिर्फ पुरुषों को ही है। मुस्लिम धर्म में पांचवां निकाह तभी वैध है जब 4 में से किसी एक पत्नी से तलाक हो जाए या मौत हो जाए।
ईसाई धर्म में दूसरी शादी का कानून
भारत में ईसाई धर्म को मानने वालों के लिए क्रिश्चियन मैरिज एक्ट 1872 है। हिंदू मैरिज एक्ट की तरह ही इस एक्ट में भी ईसाई दूसरी शादी नहीं कर सकते। ईसाई धर्म में भी कोई दूसरी शादी तभी कर सकता है जब पति या पत्नी का तलक हो गया है मौत हो गई हो।
Second Marriage पर दो अलग-अलग धर्मों के लोगों पर कानून
भारत में स्पेशल मैरिज एक्ट दो अलग-अलग धर्मों के वयस्कों को शादी करने का अधिकार देता है. स्पेशल मैरिज एक्ट में भी पति या पत्नी के जीवित रहते या तलाक लिए बगैर दूसरी शादी करना अपराध है और ऐसा करने पर सात साल तक की सजा हो सकती है.
क्या पति या पत्नी की मंजूरी से कर सकते हैं Second Marriage
अब भारत में पति या पत्नी की सहमति से दूसरी शादी भी नहीं कर सकते। धारा 494 के तहत दूसरी शादी को ‘असंज्ञेय अपराध’ घोषित किया गया है। ऐसे मामलों में सीधे मजिस्ट्रेट के सामने अर्जी दी जाती है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि ऐसे मामले में शिकायत सिर्फ पीड़ित पति या पत्नी ही करवा सकते हैं। यह भी जान लें कि ऐसे मामलों की शिकायत करने की कोई समयसीमा भी तय नहीं की गई है। पीड़ित पक्ष को दूसरी शादी के 10 साल बाद भी शिकायत करने की इजाजत है।