Bitcoin Kya Hota Hai: बिटकॉइन को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। Bitcoin की कहानी पूरी तरह से किसी फैंटेसी मूवी की तरह है जिसमें एक अनाम प्रोग्रामर किसी खास उद्देश्य को लेकर Blockchain Technology का यूज करता है। इसके जरिए वह दुनिया में पहली बार डिजिटल करेंसी का निर्माण करता है और फिर यह धीरे-धीरे दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन जाती है।
बिटकॉइन क्या है (Bitcoin kya hota hai)
वर्ष 2009 में एक जापानी प्रोग्रामर सातोशी नाकामोतो ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए इतिहास में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक करेंसी बनाई थी। यह पूरी तरह से डिसेन्ट्रेलाइज्ड थी और इस पर किसी भी बैंक, सरकार या एजेंसी का नियंत्रण नहीं था। यह डिजीटल करेंसी है जिसे क्रिप्टोग्राफी टेक्नीक के जरिए सिक्योर किया जाता है।
वर्ष 2011 में बिटकॉइन के निर्माता सातोशी नाकामोतो ने दुनिया भर के साथ Bitcoin से जुड़ी जानकारी और सोर्स कोड दुनिया के साथ शेयर की। उसी के आधार पर आज दुनिया भर में बिटकॉइन्स एवं दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज का निर्माण किया जाता है। आपको बता दें कि बिटकॉइन के अलावा अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसीज को सामूहिक रूप से Altcoin कहा जाता है।
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कैसे काम करती है Bitcoin
यह पूरी तरह से क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है। इसमें डेटा के छोटे-छोटे पीस इस तरह जोड़े जाते हैं कि इंफॉर्मेशन पूरी तरह से अलग-अलग डेटा के टुकड़ों में कलेक्ट रहती है। डेटा के ये सभी पीस भी एक साथ नहीं रखे जाते वरन दुनिया भर के अलग-अलग ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्वर पर रखे जाते हैं। यह डेटा भी एनक्रिप्टेड होता है।
किसी भी कारण से अगर इनमें से एक भी डेटा मिस हो या चेंज हो जाए तो बाकी सभी को सूचना पहुंच जाती है। उसके आधार पर मिसिंग या चेंज्ड डेटा को तुरंत ही अपनी पहले की सिचुएशन में लाया जाता है। यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी को आज तक हैक नहीं किया जा सका है।
दूसरी बात, बिटकॉइन (Bitcoin Kya Hota Hai) कभी भी रियल या भौतिक नहीं होते हैं वरन वे पूरी तरह से डिजिटल या वर्चुअल होते हैं। इन्हें एक पब्लिक लेजर पर रखा जाता है जिस तक सभी की पहुंच होती है। बिटकॉइन किसने खरीदे, किसे बेचे, इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं चलता। हालांकि पूरा डेटा एन्क्रिप्टेड कोड में सेव रहता है जिसे खोलने के लिए पासवर्ड या कीज चाहिए होती है। ये कीज भी एन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में ही होती है।
जानिए Crypto Wallet क्या होता है और Crypto App से कैसे अलग है?
कोई भी व्यक्ति जिसके पास ये पासवर्ड या कीज है, वहीं बिटकॉइन रिकॉर्ड्स को देख सकता है। सबसे बड़ी बात, वह केवल अपना खुद का ट्रांजिशन और डेटा देख पाएगा, किसी दूसरे का नहीं। इस तरह यह दूसरी करेंसीज की तुलना में पूरी तरह सेफ, सिक्योर और ट्रांसपेरेंट है।
Bitcoin System क्या होता है?
बिटकॉइन सिस्टम कम्प्यूटर्स का एक नेटवर्क है जिसे टेक्नीकल भाषा में माइनर्स या नोड्स कहा जाता है। इन्हीं के जरिए नई क्रिप्टो करेंसीज (Bitcoin Kya Hota Hai) को बनाया जाता है और उन्हें स्टोर किया जाता है। नेटवर्क से जुड़े सभी कम्प्यूटर्स या नोड्स पर बिटकॉइन की पूरी डिटेल्स होती है। यदि किसी को बिटकॉइन सिस्टम को हैक करना है तो उसे इस नेटवर्क से जुड़े हजारों कम्प्यूटर्स में कम से कम 51 फीसदी (आधे से ज्यादा) कम्प्यूटर्स पर छेडछाड़ करनी होगी जो आज तक नहीं हो पाया।
Crypto Wallets में स्टोर किया जाता है बिटकॉइन्स को
एक बार बिटकॉइन माइन करने या खरीदने के बाद उन्हें Crypto Wallets में स्टोर किया जाता है। जिसे एक्सेस करने के लिए आपको एन्क्रिप्टेड कीज (Passwords) की जरूरत होती है। इनके बिना आप अपने क्रिप्टो वॉलेट्स को एक्सेस नहीं कर पाएंगे और हमेशा के लिए उनसे हाथ धोना पड़ेगा।