Tata-Wistron Deal: टाटा बनायेगा भारतीय iPhone, मेड इन इंडिया आईफोन को सरकार ने दी हरी झंडी

Digital Desk
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Tata-Wistron Deal: अयोध्या राम मंदिर निर्माण के बाद देश में आर्थिक प्रगति ने तेजी दिखाई है। अलग अलग तरह की बिजनेस डील को सरकार हरी झंडी दिखा रही हैं, जिनसे भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। इसी दिशा में दिग्गज भारतीय कंपनी टाटा को एक नई सफलता हाथ लगी है। भारत में आईफोन बनाने के टाटा के प्रोजेक्ट (Tata-Wistron Deal) को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे देश में आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग (Apple iPhone Products) को बड़ा बूस्ट मिलेगा। कंप्टीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने टाटा-विस्ट्रॉन की डील को मंजूरी दे दी है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन (Tata-Wistron Deal) के भारत में ऑपरेशन को खरीदने के लिए पिछले साल अक्टूबर में एक बहुत बड़ी डील की थी। विस्ट्रॉन का बेंगलुरु के नजदीक एक प्लांट है जिसमें आईफोन की एसेंबलिंग की जाती है। टाटा ग्रुप और विस्ट्रॉन के बीच इस डील (Tata-Wistron Deal) के लिए पिछले एक साल से वार्ता हो रही थी। विस्ट्रॉन का यह प्लांट आईफोन-14 मॉडल के उत्पादन (Apple iPhone Products) के लिए जाना जाता है। मौजूदा समय में इस प्लांट में 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। विस्ट्रॉन का भारतीय प्लांट अपनी 8 प्रोडक्शन लाइनों के जरिये आईफोन बनाता है।

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टाटा कैसे बनायेगा भारत में iPhone?

ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन (Tata-Wistron Deal) ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने का काम करती है। विस्ट्रॉन (Tata-Wistron Deal) भारत में आईफोन प्लांट को बंद करना चाह रही थी औऱ उसी वक्त रतन टाटा ने इस प्लांट (Apple iPhone Products) को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। टाटा के अधिग्रहण के बाद विस्ट्रॉन (Tata-Wistron Deal) पूरी तरह से भारतीय बाजार से आउट हो जायेगी। क्योंकि यह भारत में ऐपल प्रो़डक्ट्स का प्रोडक्शन (Apple iPhone Products) करने वाला एकमात्र प्लांट है। ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन ने 2008 में इंडियन बाजार में कदम रखा था। तब कंपनी कई डिवाइसेस के लिए रिपेयर फैसिलिटी प्रोवाइड कराती थी। 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को आगे बढ़ाते हुए ऐपल के लिए आईफोन का उत्पादन शुरू किया था।

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चीन को लगेगा झटका

चीन और अमरीका के बीच चल रहे विवाद के दौरान ऐपल ने अपने ग्लोबल प्रॉडक्शन का लगभग 25% भारत (Tata-Wistron Deal) में शिफ्ट करने की घोषणा की थी। हालांकि फिलहाल ऐपल के प्रॉडक्ट्स (Apple iPhone Products) को असेंबल करने वाली तीन ताइवानी फर्मों में से केवल विस्ट्रॉन (Tata-Wistron Deal) ही भारत छोड़ रही है। दूसरी दो कंपनियां फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन ने भारत में अपनी प्रोडक्शन लाइनें (Apple iPhone Products) बढ़ा दी हैं। भारत सरकार कंपनियों को अपने उत्पादन और रोजगार बढ़ाने के लिए विभिन्न स्कीम्स और इन्सेंटिव दे रही हैं। इसी के चलते इंटरनेशनल कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं, और भारत की ओर रुख कर रही हैं। ऐसी स्थिति में भारत निवेश के लिए पसंदीदा देश बनकर उभर रहा है। टाटा ग्रुप (Tata-Wistron Deal) ने हाल में इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्शन (Apple iPhone Products) में भी शुरुआत कर ली है। तमिलनाडु में कंपनी की फैक्ट्री में आईफोन का चेसिस यानी स्मार्टफोन का मेटल बैकबोन बनाया जाता है। कुल मिलाकर टाटा ग्रुप ने चिप निर्माण क्षेत्र में कदम रखकर चीन को चुनौती पेश कर दी है। आने वाले समय में जब भारत इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जायेगा तब चीन हम पर धौंस जमाने की जुर्रत नहीं कर सकेगा।

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