भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) अपने अगले मिशन Mangalyaan 2 की तैयारी करने में जुट गया है। इसके लिए सभी संभव योजनाओं का खाका बनाया जा रहा है। यह भारत का अब तक का सर्वाधिक महत्वाकांक्षी मिशन होगा जो अपने आप में बहुत जटिल होने वाला है।
क्या खास होगा Mangalyaan 2 में
हाल ही 28 नवंबर 2023 को नासा प्रमुख एस. सोमनाथ तथा स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर (SAC) के डायरेक्टर नीलेश देसाई ने देश के नए प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी थी। इस संबंध में एक यूट्यूब वीडियो भी अपलोड किया गया था। उन्होंने Aditya L1, शुक्रयान और मंगलयान 2 के बारे में जानकारी दी थी। इनमें मंगलयान 2 को सर्वाधिक कठिन और जटिल प्रोजेक्ट बताया गया था। इस मिशन को अगले वर्ष लॉन्च किया जाएगा।
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इस मंगलयान में तीन चीजें, एक लैंडर, एक रोवर और एक मार्स हेलिकॉप्टर को जोड़ा गया है। लैंडर मंगल ग्रह की सतह पर उतरकर वहां की जानकारी लेगा, जबकि मार्स हेलिकॉप्टर एक तरह का छोटा ड्रोन होगा जो हवाई उड़ान के द्वारा वहां के वातावरण में जानने का प्रयास करेगा। आपको बता दें कि अपने पहले ही प्रयास में मंगल तक पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है।
इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया मंगलयान अभी भी मार्स की परिक्रमा कर रहा है और वहां के संबंध में जरूरी जानकारियां एकत्रित कर भेज रहा है। इस मिशन से प्राप्त जानकारी को भारत दुनिया भर की स्पेस एजेंसियों के साथ शेयर कर रहा है।
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अब तक सिर्फ तीन देश पहुंच पाए हैं मंगल तक
भारत का Mangalyaan 2 मिशन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। अब तक मंगल के अध्ययन के लिए कई सैटेलाइट्स भेजे गए हैं। लेकिन उसकी सतह पर सफलतापूर्वक उतरने का कारनामा केवल तीन देश, रूस, अमरीका और चीन ही कर पाए है। यदि भारत का मंगलयान 2 मिशन सफलतापूर्वक पूरा होता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा।