इस समय DeepFake टेक्नोलॉजी की जबरदस्त चर्चा हो रही है और ये नेशनल मुद्दा बन चुका है। हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना DeepFake Video की शिकार हुई है। Rashmika Mandanna का यह वीडियो जबरदस्त वायरल हुआ है। इसका लेकर अमिताभ बच्चन तक ने चिंता जताई है। हालांकि, आखिरकार भारत सरकार की तरफ से भी इसको लेकर सफाई दी गई है। ऐसे में यह सोचना बहुत जरूरी है कि क्या डीपफेक तकनीक का उपयोग अभी पहली बार हुआ या इससे पहले कई समाचार पत्र और टीवी चैनल इसका उपयोग कर चुके हैं। तो आइए जानते हैं….
क्या चेहरा पहचानो प्रतियोगिता से हुई DeepFake की शुरूआत
आपको बता दें कि डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल हाल ही में नहीं हुआ है बल्कि कई समाचार पत्रों से लेकर टीवी चैनल तक इसका उपयोग कर चुके हैं। आपको याद होगा कि कई टीवी चैनल्स और समाचार पत्रों द्वारा काफी सालों पहले ‘चेहरा पहचानो प्रतियोगिता’ चलाई जाती थी। जिसमें 2 सेलिब्रिटीज का चेहरा मर्ज कर दिया जाता है। इसी चेहरे को पहचानने के लिए कहा जाता था कि ये चेहरा किन 2 सेलिब्रिटीज के चहरों से मिलकर बना है। सही जवाब देने पर प्रतियोगी को इनाम दिया जाता था।
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कई हो चुके हैं चेहरा पहचानो प्रतियोगिता की ठगी का शिकार
आपको बता दें कि चेहरा पहचानो प्रतियोगिता भी DeepFake तकनीक का ही एक रूप था जिसके चलते हजारों लोग ठगी का शिकार हुए। इतना ही नहीं बल्कि चेहरा पहचानो प्रतियोगिता के नाम ठगी के गिरोह तक चलने लगे थे और कई लोग अनजाने में इसका शिकार हुए हजारों रूपये गंवा बैठे। होता ये था कि टीवी चैनलों द्वारा चलाए जाने वाले chehra pehchano competition में भाग लेने वाले एक मोबाइल नंबर पर उत्तर देते थे। इसके कुछ दिनों पर नंबर से उन्हें कॉल आता था कि आपने चेहरा पहचानो प्रतियोगिता में कार या कोई बड़ा गिफ्ट जीता है। इसके लिए वो ग्राहक से ऑफिशियल फीस की किसी बैंक के एक एकाउंट तुरंत कुछ हजार रूपये जमा कराने के लिए कहा जाता था। इसके कुछ घंटों बाद फिर कॉल आता था जिसमें पुन: कुछ रूपये जमा कराने के लिए कहा जाता था और कहा जाता था कि अब आपके अकाउंट में ईनाम की पूरी राशि जमा करा दी जाएगी। इसके कई ग्राहक से कई बार पैसा अकाउंट में जमा करवा लिया था और वो मोबाइल नंबर बंद दिया जाता था। ऐसे में ग्राहक ठगी का शिकार हो जाते थे।
अब इंटरनेट पर हुई DeepFake की शुरूआत
आपको बता दें कि Rashmika Mandanna के इस डीपफेक वीडियो से इंटरनेट पर इस तकनीक की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे यदि सरकार इस पर जल्दी से कोई कार्रवाई नहीं करती तो यह भयावह रूप ले लेगा और जानें कितने लोग इसके शिकार हो जाएंगे। यह तकनीक एक बहुत बड़ी सेलिब्रिटी से लेकर आम आदमी तक को ब्लैकमेल करने के लिए काम में ली जा सकती है। अत: केंद्र और राज्य सरकारों को इसें गंभीरता से लेते हुए बड़ा और कड़ा एक्शन लेना होगा।