Ravidas Javanti 2024 : संत शिरोमणी, संदेशवाहक रविदास जी की आज जयंती है। उन्होनें अपना पूरा जीवन जातिगत भेदभाव को मिटाने और सभी वर्गों का उत्थान करने में लगा दिया। संत रविदास जी ने अपने लेखों के माध्यम से कई प्रकार के सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश दिए। उनके लेख और दौहे आज भी हमारे अंदर एक नई स्फूर्ति और नए जीवन का संचार करतें है। तो आज संत रविदास जी महाराज की जयंती पर पढ़ें ये 10 प्रेरणा से भरे हुए दोहे।
1.
मन चंगा तो कठौती में गंगा ।।
2.
जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।
3.
रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच।
नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।।
4.
रैदास कहै जाकै हृदै, रहे रैन दिन राम।
सो भगता भगवंत सम, क्रोध न व्यापै काम।।
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5.
माथे तिलक हाथ जपमाला, जग ठगने कूं स्वांग बनाया।
मारग छाड़ि कुमारग उहकै, सांची प्रीत बिनु राम न पाया॥
6.
हिंदू पूजइ देहरा मुसलमान मसीति।
रैदास पूजइ उस राम कूं, जिह निरंतर प्रीति॥
7.
मंदिर मसजिद दोउ एक हैं इन मंह अंतर नाहि।
रैदास राम रहमान का, झगड़उ कोउ नाहि॥
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8.
बेद पढ़ई पंडित बन्यो, गांठ पन्ही तउ चमार।
रैदास मानुष इक हइ, नाम धरै हइ चार॥
9.
धन संचय दुख देत है, धन त्यागे सुख होय।
रैदास सीख गुरु देव की, धन मति जोरे कोय॥
10.
प्रेम पंथ की पालकी, रैदास बैठियो आय।
सांचे सामी मिलन कूं, आनंद कह्यो न जाय॥