Astrology Predictions: वो विषय है जो कब कैसे और कौनसे रिश्ते बनेंगे ये बता सकते हैं। माता—पिता का रिश्ता हो या पति—पत्नी और बच्चों का हर रिश्ते के जोड़—तोड़ की सारी जानकारियां इन्हीं Grah से मिल सकती है। आइये एस्ट्रोलॉजी से ही जानते हैं कि ग्रहों से रिश्तों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
Astrology Predictions:
ग्रहों का ही प्रभाव होता है, जिससे जीवन में सफलता और असफलता मिलती है। हमारे हर रिश्ते पर कैसे ग्रह प्रभाव डालते हैं। यह भी ग्रहों की स्थिति ही तय करती है। हर ग्रह जैसे सूर्य पिता, चंद्रमा माता के कारक होते हैं। वैसे ही मंगल भाई-बहनों से रिश्तों के बारे में बताता है। ऐसे ही हर रिश्ते में कितनी मिठास होगी ये ग्रहों की स्थिति को देखकर पता किया जा सकता है।
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जानते हैं कौनसा ग्रह किस रिश्ते को करता है बयान
- ग्रहों का मुखिया कहे जाने वाले सूर्यदेव। पिता के साथ रिश्ते कैसे हैं इससे सूर्य का खास सम्बन्ध है। जो भी व्यक्ति पिता का सम्मान करता है और उनके साथ रिश्ते अच्छे रखता है। उसका सूर्य भी अच्छा रहता है। वहीं जिनका सूर्य कमजोर है रोजाना सूर्यदेव को अर्घ्य देकर इसे सही कर सकते हैं।
चंद्रमा की दशा माँ के साथ रिश्ते से निर्धारित होती है। चंद्रमा कमजोर होने पर इसे सुधारने के लिए माँ को सम्मान देना चाहिए। इसके साथ पूर्णिमा पर व्रत करना भी अच्छा रहता है।
मंगल वो ग्रह है जिससे रिश्ते ससुराल वालों के साथ कैसे होंगे वो पता चलता है। इससे चाचा—ताऊ के साथ रिश्तों का भी पता चलता है। मंगल मजबूत रहने पर ये संबंध अच्छे रहते हैं। मंगल को मजबूत करने के लिए हनुमानजी की पूजा अच्छी होती है।
- बुध ग्रह से भाई-बहनों और माता की तरफ के रिश्तों का पता चलता है। जैसे मामा— नाना के साथ रिश्ते। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा कर ये रिश्ते अच्छे किए जा सकते हैं।
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देवगुरु बृहस्पति का दादा-दादी और पूर्वजों से संबंध होता है। जो लोग बुजुर्गों का सम्मान करते हैं। या फिर उन्हें कपड़े मिठाई उपहार में देते हैं। वे हमेशा खुश रहते हैं।
- जीवनसाथी और दोस्तों का साथ शुक्र पर निर्भर होता है। शुक्र ग्रह को मजबूत करना हो तो लक्ष्मी-नारायण भगवान की पूजा ध्यानपूर्वक करनी चाहिए।
- शनि ग्रह पिता, सास-ससुर, बच्चों और दोस्तों का सूचक है। इसे सही रखने के लिए शनिवार को सरसों के तेल, काले तिल आदि काली चीजों का दान करना चाहिए।
- राहु से दादा और ससुराल पक्ष का परिचय मिलता है। वहीं केतु से नाना पक्ष से रिश्ते तय होते हैं। ये वो ग्रह है जिनकी चाल से जीवन में होने वाली आकस्मिक घटनाएं भी पता चलती है।