26 January: दो दिन बाद 26 जनवरी को देश गणतंत्र दिवस (26 January Republic Day) मनायेगा। ऐसे में संपूर्ण देश में इस समय देशभक्ति की लहर दौड़ रही है। देश में कई ऐसे गुमनाम क्रांतिकारी भी हुए हैं, जिनको आज भुला दिया गया है। तो 26 जनवरी (26 January Republic Day) के मौके पर हम आपको राजस्थान जैसलमेर के एक ऐसे ही वीर सेनानी की कहानी बता रहे हैं, जिसकी शौर्य गाथा आज भी इतिहास में अमर है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देने वालों में जैसलमेर के सागरमल गोपा का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। अमर शहीद सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa) की याद में जैसलमेर के गड़ीसर सर्किल पर अमर शहीद सागरमल गोपा स्मारक भी बनाया गया है। जैसलमेर के क्रांतिकारी सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa) ने मातृभूमि की स्वतंत्रता की खातिर अपनी जान दे दी थी। आजादी के दीवाने व जैसलमेर में गुंडाराज किताबों से अंग्रेजी व सामंती शासन के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाने वाले गोपा ने सम्पूर्ण पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) में क्रांति की लहर पैदा कर दी थी। उन्होंने सौगंध खाई थी कि वे कभी अंग्रेजों की दासता स्वीकार नहीं करेंगे। 26 जनवरी (26 January Republic Day) को आप इन पर बनी राजस्थानी फिल्म गोपा दी फ्रीडम फाइटर (Gopa The Freedom Fighter) यूट्यूब पर देख सकते हैं।
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गोपा ने जलाई क्रांति की मशाल
3 नवंबर 1900 ई. को तत्कालीन रियासत जैसलमेर में जन्मे इस महान क्रांतिकारी (Sagarmal Gopa) ने अपने ओजस्वी और क्रांतिकारी भाषणों तथा चुभते हुए लेखों से जैसलमेर रियासत में स्वतंत्रता (26 January Republic Day) के लिए क्रांति की मशाल जलाई थी। जिसके कारण इन्हें जेल में विभिन्न यातनाएं भी दी गई। तत्कालीन रियासत के महारावल जवाहरसिंह के राज के डिप्टी गुमानसिंह ने इनको जेल में बहुत प्रताड़ित किया लेकिन गोपा (Sagarmal Gopa) ने हार नहीं मानी।
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मिट्टी का तेल डालकर जेल में ज़िंदा जलाया
राजस्थान में क्रांति की (26 January Republic Day) ज्वाला धधकाने वाले वीर गोपा (Sagarmal Gopa) को 4 अप्रैल 1946 के दिन मिट्टी का तेल डालकर जेल में जिंदा जला दिया गया। आज भी जैसलमेर में क्रांति की अलख जगाने वालों में गोपा (Sagarmal Gopa) का नाम सुनहरों अक्षरों में लिखा हुआ है। देश की आजादी के लिए अपने आपको कुर्बान करने वाला यह क्रांतिकारी हमेशा के लिए अमर हो गया। गोपा ने जैसलमेर का गुंडाराज, रघुनाथ सिंह का मुकदमा, और आजादी के दीवाने नाम से लेख प्रकाशित कर जैसलमेर में क्रांति की मशाल जलाई थी। भारत सरकार ने 1986 में सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa) के सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया। लेकिन सिर्फ टिकट जारी करने से कुछ नहीं होगा। हमें उनकी जीवनी से सीखना होगा। यूट्यूब पर इनकी फिल्म (Gopa The Freedom Fighter) देखिये और 26 जनवरी (26 January Republic Day) को देशभक्ति का जज्बा जगाये।