Lithium ion Battery Alternative: आजकल Smartphone से लेकर Electric Vehicle और Tesla के CyberTruck तक सभी कुछ बैटरी से चल रहे हैं। इन सभी में लिथियम ऑयन बैटरी काम ली जाती है जो कि एक महंगा और पर्यावरण के हिसाब से बहुत ही खतरनाक मैटेरियल है। ऐसे में वैज्ञानिक लगातार इसका सस्ता और सुरक्षित उपाय ढूंढ रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने AI से ढूंढा नया विकल्प (Lithium ion Battery Alternative)
इसी दिशा में अब Microsoft ने Department of Energy’s Pacific Northwest National Laboratory (PNNL) के साथ मिल कर एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में Artificial Intelligence (AI) के जरिए लिथियम ऑयन बैटरी के विकल्प ढूंढे जा रहे हैं। इसके लिए एआई और अजूरे क्वांटम एलीमेंट्स क्लाउड प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रिसर्च की गई। इस संबंध में कंपनी के सीईओ सत्या नडेला ने भी एक ट्वीट किया है।
We’re bringing together next-generation AI with high-performance computing to accelerate scientific discovery, collaborating with organizations like @PNNLab to find new materials for energy storage solutions in weeks, not years. https://t.co/ThCAbnRpx2
— Satya Nadella (@satyanadella) January 9, 2024
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अपनी रिसर्च के दौरान माइक्रोसॉफ्ट की टीम ने एआई सॉफ्टवेयर में काफी डेटा फीड किया और एआई मॉडल को उसे यूटिलाईज करने के लिए ट्रेंड किया। इसके बाद दुनिया भर में मौजूद करीब 32.6 मिलियन (करीब सवा तीन करोड़) मैटेरियल्स पर एआई टेस्टिंग की गई। इसके जरिए एआई ने पहले 5 लाख और फिर उसमें से भी लगभग 800 ऐसे मैटेरियल्स की पहचान की जो लिथियम ऑयन बैटरी का विकल्प बन सकते हैं।
मौजूदा लिथियम बैटरी से सस्ता और सुरक्षित होगा
चुने गए सभी 800 मैटेरियल्स पर एआई एक्सीलेरेटेड सिम्यूलेशन्स के जरिए रिसर्च की गई। शोध के बाद 150 मैटेरियल्स को लिस्ट किया गया। उनमें से भी 18 मैटेरियल्स (Lithium ion Battery Alternative) चुने गए और आखिर में एक ऐसा इलेक्ट्रोलाईट मैटेरियल मिला जो अभी मौजूद हो रहे लिथियम की लगभग 70 फीसदी खपत को कम कर देगा। इसमें लिथियम को सोडियम से बदल कर बैटरी बनाई जाएगी। यदि यह व्यावहारिक तौर पर सफल रहा तो बहुत जल्दी स्मार्टफोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमत भी काफी कम हो जाएगी।
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AI के जरिए कर पाएंगे सालों का काम कुछ हफ्तों में
वैज्ञानिकों के अनुसार इस रिसर्च के आधार पर बहुत जल्द हम एक ऐसी बैटरी बना पाएंगे जो मौजूदा बैटरियों (Lithium ion Battery Alternative) से काफी सस्ती और सुरक्षित होंगी। माइक्रोसॉफ्ट टीम के रिसर्चर्स ने कहा कि एआई के जरिए कई सालों का काम अब कुछ घंटों या हफ्तों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एआई के जरिए अब अगले 25 वर्षों में इतनी खोज कर लेंगे जिसके लिए हमें 250 सालों का समय भी कम रहता।